आमतौर पर, नक्षत्र शब्द का अर्थ अविनाशी माना जाता है। नक्षत्र भारत की वैदिक संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग हैं। ज्योतिष की वैदिक प्रणाली आर्थात राशिचक्र को 28 नक्षत्रों या चंद्र नक्षत्रों में विभाजित किया गया है। इनका प्रयोग ज्योतिषीय अध्ययन में महत्वपूर्ण माना गया है। ये नक्षत्र उनमें स्थित ग्रहों की विशिष्टता को परिभाषित करते हैं। आप इन नक्षत्रों का उल्लेख और उनकी सूची वेदों, विशेष रूप से ऋग्वेद, यजुर्वेद और अथर्ववेद में देख सकते हैं। नीचे, आप 28 नक्षत्रों की पूरी सूची पा सकते हैं। प्राचीन काल में, वे भगवान की पूजा के साधन थे, ये नक्षत्र चंद्रमा की चाल पर आधारित होते हैं और इसलिए, किसी व्यक्ति के जन्म नक्षत्र की गणना इनमें से किसी भी तारे में चंद्रमा की स्थिति के आधार पर की जाती है। साथ ही, इन नक्षत्रों को देव, मानव और राक्षसों के तीन व्यापक प्रमुखों के अंतर्गत वर्गीकृत किया गया है। आप नीचे नक्षत्र सूची देख सकते है।
# नक्षत्र का नाम
1. अश्विनी (Ashvini)
2. भरणी (Bharani)
3. कृत्तिका (Krittika)
4. रोहिणी (Rohini)
5. मॄगशिरा (Mrigashirsha)
6. आद्रा (Ardra)
7. पुनर्वसु (Punarvasu)
8. पुष्य (Pushya)
9. अश्लेशा (Ashlesha)
10. मघा (Magha)
11. पूर्वाफाल्गुनी (Purva Phalguni)
12. उत्तराफाल्गुनी (Uttara Phalguni)
13. हस्त (Hasta)
14. चित्रा (Chitra)
15. स्वाती(Svati)
16. विशाखा (Vishakha)
17. अनुराधा (Anuradha)
18.ज्येष्ठा (Jyeshtha)
19. मूल (Mula)
20.पूर्वाषाढा (Purva Ashadha)
21. उत्तराषाढा (Uttara Ashadha)
22. श्रवण (Shravana)
23. श्रविष्ठा (Shravishtha) or धनिष्ठा (Ghanishtha)
24. शतभिषा (Shatabhishaj)
25. पूर्वभाद्र्पद (Purva Bhadrapada)
26.उत्तरभाद्रपदा (Uttara Bhadrapada)
27. रेवती (Revati)