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हस्त नक्षत्र

हस्त नक्षत्र (हाथ) (कन्या राशि में 10°00′ से 23°20′ तक)

हस्त नक्षत्र में अल्फा, बीटा, डेल्टा, गामा व एपिसिलोन-कोरवी नामक पांच तारे होते हैं। कोरवी तारा स्पाइका नामक उज्ज्वल तारे के नीचे रात्रि के आकाश में दिखाई देता है| ज्योतिष में हस्त नक्षत्र संपूर्ण रूप से कन्या राशि में आता है| हस्त शब्द का अर्थ “हाथ” है तथा यह हाथों द्वारा संपादित होने वाले समस्त कार्यों को दर्शाता है| इस नक्षत्र में पैदा होने वाले लोग मेहनती, बुद्धिमान और तर्कशील होते हैं। यह नक्षत्र समझौते और अभिवादन का भी प्रतीक है क्योंकि इन्हें हाथ मिलाकर प्रदर्शित किया जाता है| इस नक्षत्र के अधिपति देव व सूर्य के रूप सविता इन्हें प्रसन्नचित और लापरवाह बनाते हैं। सविता इन्हें चालाकी, चतुरता व कुशलतापूर्वक अपने हाथों का उपयोग करने की क्षमता प्रदान करते हैं| इनका उपयोग ठगी और जुआ खेलने के लिए भी किया जा सकता है| सविता में जीवन देने की शक्ति है इसलिए हस्त नक्षत्र प्रसव से संबंधित है तथा एक परिवार की स्थापना कर सकता है। हस्त एक आशावादी नक्षत्र है जिसमें निर्माण करने की एक अद्वितीय क्षमता है| इस नक्षत्र में पैदा हुए लोग अपने हाथों द्वारा इच्छित वस्तु की पूर्ति करने का सामर्थ्य रखते हैं|

सामान्य विशेषताएँ: सक्रिय, साधन-संपन्न, सुखद, व्यावहारिक, प्रकट करने की क्षमता, विचार और कृत्य में शुद्धता।
अनुवाद: “हाथ”
प्रतीक: हाथ या आशीर्वाद देते खुले हाथ
पशु प्रतीक: मादा भैंस
अधिपति देव: सविता, सूर्य के एक रूप जो रचनात्मकता प्रदान करते हैं तथा ऊर्जा में परिवर्तन करते हैं|
शासक ग्रह: चंद्र
चंद्र ग्रह के अधिपति देव: पार्वती
प्रकृति: देव (देव समान)
ढंग: दब्बू
संख्या: 13
लिंग: पुरुष
दोष: वात
गुण: राजसिक
तत्व: अग्नि
प्रकृति: हल्का व तीव्र
पक्षी: गिद्ध
सामान्य नाम: जंगली आलूबुखारा
वानस्पतिक नाम: स्पोंडियस पिन्नाटे
बीज ध्वनि: पू, ष, ण, ठ
ग्रह से संबंध: कन्या राशि के स्वामी के रूप में बुध इस नक्षत्र से संबंधित है|

प्रत्येक नक्षत्र को चार चरणों में विभाजित किया जाता है जिन्हें पद कहते हैं| हस्त नक्षत्र के विभिन्न पदों में जन्म लेने वाले लोगों के अधिक विशिष्ट लक्षण होते हैं:

Hasta Nakshatra Hindi

पद:

प्रथम पद कन्या राशि का 10°0′ -13°20′ भाग मंगल ग्रह द्वारा
शासित
ध्वनि: पू
सूचक शब्द: ऊर्जावान
द्वितीय पद कन्या राशि का 13°20′ -16°40′ भाग शुक्र ग्रह द्वारा
शासित
ध्वनि: ष
सूचक शब्द: पूर्णता
तृतीय पद कन्या राशि का 16°40′ – 20°00′ भाग बुध ग्रह द्वारा
शासित
ध्वनि: ण
सूचक शब्द: चतुर
चतुर्थ पद कन्या राशि का 20°00′ – 23°20′ भाग चंद्र ग्रह द्वारा
शासित
ध्वनि: ठ
सूचक शब्द: समुदाय

शक्ति: रचनात्मक, सुखद, विनोदी, कला कुशल, आकर्षक, व्यावहारिक, मनमोहक, जीवन में विलंब से धन प्राप्त होगा, अनेक संबंध, उदार, असंबद्ध, बुद्धिमान, प्रेरक, सौहार्दपूर्ण, क्रोध व्यक्त करने से बचने के लिए अपनी वाणी का मूल्यांकन, आत्म प्रेरित, नियंत्रण में रहने वाला, अर्जन पर ध्यान केंद्रित, आत्म हितों को बढाने वाला व स्वयं का बचाव करने में अच्छा, सामाजिक अनुष्ठानों व शिष्टाचार के मूल्य को समझने वाला, सेवाएं प्रदान करने में कुशल, असंवेदनशील, नए क्षेत्र या विदेश से जुड़े अवसरों से लाभ उठाने वाला, सक्षम, दृढ़ निश्चयी, मेहनती कार्यकर्ता, आसानी से बदलाव|

कमजोरियाँ: प्रतिस्पर्धा और संघर्षों को पसंद करने वाला, बेचैन – आध्यात्मिक अनुभवों को महसूस करने की चाह, परिवर्तनशील, ठग कलाकार, स्वयं में दिलचस्पी, भावनात्मक रूप से अस्थिर, ज़बरदस्त, शक्की, स्वयं को भोगों में लिप्त रखने वाला, बुरा, व्यसनों का दुरुपयोग, तनाव के दौरान आलोचनात्मक, दमन, स्वास्थ्य समस्याएं|

कार्यक्षेत्र: ऐसे कार्यक्षेत्र जिनमें हाथों का प्रयोग हो, कारीगर, यांत्रिकी, आभूषण निर्माता, हाथ-संबंधी श्रम, व्यायामपटु, सर्कस का कलाकार, आविष्कारक, प्रकाशक, छपाई उद्योग, बढ़ई, जुआरी, बैंककर्मी, मुनीम,
टंकक, सफ़ाईकर्मी, घर की देखभाल करनेवाला, मालिश करनेवाला, रसायन उद्योग, कपड़ा उद्योग, टैरो कार्ड पाठक, ज्योतिषी, नीलामकर्ता, मृत्तिका कला संबंधी कार्य, आंतरिक सज्जाकार, माली, खाद्य उत्पादन, मूर्तिकार, राजमिस्री, पेशेवर हास्य अभिनेता, टीकाकार, वाणी चिकित्सक, परीक्षण कलाकार, जादूगर व चोर

हस्त नक्षत्र में जन्में प्रसिद्ध लोग: रूडोल्फ वैलेंटिनो, जिमी कार्टर, बर्ट रेनॉल्ड्स, रिचर्ड बर्टन, रॉबर्ट डुवाल
अनुकूल गतिविधियां: शिल्प, मिट्टी के बर्तन व आभूषण बनाना, घरेलू कार्य, जादू, खेल खेलना, व्यावसायिक मामलों जिनमें कुशलता की ज़रूरत हो, विवाह, बच्चों से व्यवहार, संपूर्ण उपचार, यात्रा, गतिशील, आयोजन, योग, ध्यान, बागवानी

प्रतिकूल गतिविधियां: दीर्घकालिक योजनाएं या क्रियाकलाप जिनमें कार्यकारी निर्णय लेने की आवश्यकता हो, यौन गतिविधि, विश्राम या अवकाश या रात्रिकालीन गतिविधियाँ

पवित्र मंदिर: कोमल श्री कृपा कूबरेश्वर

हस्त नक्षत्र से संबंधित यह पवित्र मंदिर भारत में तमिलनाडु के कुंभकोनम के निकट कोमल में स्थित है। हस्त नक्षत्र में पैदा हुए लोगों को अपने जीवनकाल में एक बार इस पवित्र मंदिर के दर्शन करके यहाँ पूजा-अर्चना अवश्य करनी चाहिए|

जो लोग कोमल जाकर इस मंदिर की यात्रा करते हैं तथा श्री कृपा कूबरेश्वर (भगवान शिव का एक रूप) व देवी अन्नपूर्णा की पूजा करते हैं उन्हें दैवीय अनुग्रह व करुणामय आशीर्वाद प्राप्त होता है| हस्त नक्षत्र में पैदा लोगों को ध्यान, योग व प्रार्थना के दौरान हाथ जोड़कर शिव के इस रूप की पूजा करनी चाहिए। ऐसे लोगों को इस स्थल पर पैतृक अनुष्ठान (तर्पण अनुष्ठान) करने की सलाह भी दी जाती है| इस प्रक्रिया में तर्पण अनुष्ठान के दौरान व्यक्ति के दोनों हाथों के बीच से गुजरने वाला पानी उसकी उर्जा को पूर्वजों की ऊर्जा से जोड़ता है।

हस्त नक्षत्र से इस मंदिर का संबंध देवी पार्वती की कथा के साथ शुरू होता है जो यह जानने को उत्सुक थी कि भगवान शिव ब्रह्मांड के शासक के रूप में कैसा अनुभव कर रहे थे। भगवान शिव ने एक दैवीय खेल खेलने का निर्णय किया तथा पार्वती जी ने भी भगवान शिव के ज्ञान को जानने के लिए इस दैवीय खेल में भाग लेने का फैसला किया| पार्वती जी ने खेल-खेल में अपने दोनों हाथों से भगवान शिव के नेत्रों को ढँक दिया लेकिन इस सरल कार्य ने संपूर्ण ब्रह्मांड को अक्षम बना दिया। पानी का प्रवाह रुक गया, ब्रह्मांड में ग्रहों की गति और सब कुछ स्थिर हो गया। अपराध भावना से ग्रस्त देवी पार्वती ने भगवान शिव से क्षमा माँगी|

भगवान शिव ने पार्वती जी को समझाया कि उनके इस कार्य के फलस्वरूप अब वह स्वयं द्वारा निर्मित हस्तमय ज्योति में विलीन हो जाएंगे तथा संपूर्ण संसार में उनकी ख़ोज करने के लिए पार्वती जी एक गाय का अवतार तब तक धारण करके रखेंगी जब तक कि हस्तमय ज्योति के रूप में उनका भगवान शिव से पुनर्मिलन न हो जाए| देवी पार्वती यह बात सुनकर काफी परेशान हुई परंतु उन्होंने भगवान शिव के आदेशों का पालन किया तथा उनके प्रकाशमय स्वरुप की तलाश में एक गाय का रूप धरकर पृथ्वी पर विचरण करती रहीं| अंत में हस्त नक्षत्र दिवस पर भगवान शिव ने पार्वती जी के समक्ष अपना ज्योतिर्मय स्वरुप प्रकट किया तथा उन्हें श्री कृपा कूबरेश्वर के रूप में दर्शन दिए।

हस्त नक्षत्र में पैदा लोग यहाँ ग़रीबों को भोजन बाँट सकते हैं| हाथ से मिठाई या स्वादिष्ट मालपुआ बनाकर यहाँ बांटना बहुत ही शुभ है| इससे उन लोगों को भी लाभ मिलेगा जो आर्थिक रूप से कष्ट में हैं| जो लोग अवसाद से पीड़ित हैं उन्हें भी इस मंदिर के दर्शन करने की सलाह दी जाती है| प्रदोष दिवस, सोमवार व बुधवार को इस स्थल पर भोग अर्पित करना अवसाद से उभरने का एक शक्तिशाली उपाय है| अंत में जो लोग वैवाहिक कष्ट भोग रहे हैं उन्हें भी इस मंदिर की बाएं से दाएं परिक्रमा करनी चाहिए|

हस्त नक्षत्र में जन्में लोगों के लिए वेदों द्वारा निर्धारित धूप नीम नामक जड़ी-बूटी से निर्मित है|

इस धूप को जलाना उस विशिष्ट नक्षत्र हेतु एक लघु यज्ञ अनुष्ठान करने के समान है| एक विशिष्ट जन्मनक्षत्र के निमित किए गए इस लघु अनुष्ठान द्वारा आप अपने ग्रहों की आन्तरिक उर्जा से जुड़कर सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने में सक्षम होंगे|

एक विशिष्ट नक्षत्र दिवस पर अन्य नक्षत्र धूपों को जलाने से आप उस दिन के नक्षत्र की ऊर्जा से जुड़कर अनुकूल परिणाम प्राप्त करते हैं| आपको यह सलाह दी जाती है कि आप कम से कम अपने व्यक्तिगत नक्षत्र से जुड़ी धूप को प्रतिदिन जलाएं ताकि आपको उस नक्षत्र से जुड़ी सकारात्मक उर्जा प्राप्त होती रहे|

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