मघा (शक्तिशाली) (सिंह राशि में 0°00 – 13°20′ तक)
रात्रि के आकाश में सिंह राशि में रेगुलस (अल्फा-लियोनिस) नामक सबसे उज्जवल तारे के अंतर्गत मघा नक्षत्र चमकता हुआ दिखाई देता है| मघा का अर्थ “भव्य” है तथा शाही सिंहासन इसका प्रतीक है| मघा नक्षत्र में पैदा हुए लोग अपने उच्चतम लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए शक्ति व पद का उपयोग करने की क्षमता रखते हैं। इस नक्षत्र का मूल उपलब्धि व महानता है। मघा नक्षत्र के अधिपति देव पितृ हैं| इस नक्षत्र में उत्पन्न हुए लोगों का अपने वंश के साथ एक मजबूत संबंध होता है तथा प्रायः वे अपनी संतान के प्रति भव्य उम्मीदें रखते हैं। उनमें परंपरा व संस्कारों के गुण-दोषों की विवेचना करने की प्रवृति होती है| इस नक्षत्र में पैदा हुए लोगों में अपनी परंपरा को लेकर गर्व होता है तथा वे अपनी परंपराओं से जुड़े रहते हैं| यह नक्षत्र मजबूत नैतिकता की मांग करता है तथा अगर कोई नैतिकता का पालन करता है तो यह नक्षत्र उसे सम्मान व प्रतिष्ठा दिला सकता है। मघा नक्षत्र में पैदा हुए लोग उदार होते हैं तथा वे सिंह के समान एक शाही व्यवहार करते हैं|
सामान्य विशेषताएँ: उदार, आध्यात्मिक स्वभाव; पूर्वजों का सम्मान करने वाला, अनेक लोगों को संभालने वाला, कार्य में जुटे रहने वाला|
अनुवाद: “शक्तिशाली” या “शानदार”
प्रतीक:शाही सिंहासन या पालकी
पशु प्रतीक: चूहा
अधिपति देव: पितृ,पूर्वज
शासक ग्रह: केतु
केतु ग्रह के अधिपति देव: गणेश
प्रकृति: राक्षस (दानव)
ढंग: सक्रिय
संख्या: 10
लिंग: स्त्री
दोष: कफ
गुण: तामसिक
तत्व: जल
प्रकृति: उग्र या आक्रामक
पक्षी: गरुड़
सामान्य नाम: बरगद
वानस्पतिक नाम: बरगद
बीज ध्वनि: मा, मी, मू, मे
ग्रह से संबंध: सिंह राशि के स्वामी के रूप में सूर्य इस नक्षत्र से संबंधित है|
प्रत्येक नक्षत्र को चार चरणों में विभाजित किया जाता है जिन्हें पद कहते हैं| मघा नक्षत्र के विभिन्न पदों में जन्म लेने वाले लोगों के अधिक विशिष्ट लक्षण होते हैं:
पद:
प्रथम पद | सिंह राशि का 00°00′ – 3°20′ भाग मंगल ग्रह द्वारा शासित ध्वनि: मा सूचक शब्द: धैर्य |
द्वितीय पद | सिंह राशि का 3°20′ – 6°40′ भाग शुक्र ग्रह द्वारा शासित ध्वनि: मी सूचक शब्द: महत्वाकांक्षा |
तृतीय पद | सिंह राशि का 6°40′ – 10°00′ भाग बुध ग्रह द्वारा शासित ध्वनि: मू सूचक शब्द: ज्ञान |
चतुर्थ पद | सिंह राशि का 10°00′ – 13°20′ भाग चंद्र ग्रह द्वारा शासित ध्वनि: मे सूचक शब्द: अनुष्ठान |
शक्ति: स्पष्ट, बुद्धिमान, कई प्रशंसकों वाला, सकारात्मक, रूढ़िवादी, संतुलित, दूसरों को सम्मान देने वाला, दयालु, दूसरों की मदद करने वाला, जीवन व उत्सवों को अधिकाधिक प्रेम करने वाला, भरोसेमंद, उपलब्धियों के लिए सम्मानित होना पसंद करता है, परंपराओं का सम्मान करने वाला, समारोहों का आनंद लेने वाला, आदेशों की श्रृंखला का पालन करने वाला, जब प्रशंसा की जाए तब उत्तम प्रदर्शन करता है|
कमजोरियाँ: अभिमानी, शीघ्र क्रोधित होने वाला, पक्षपातपूर्ण, ईर्ष्यालु, क्रोधी, उन लोगों से बेहद नफरत करता है जो उसे नापसंद करते हैं या जो उसका अपमान करते हैं, लक्ष्यों के विफल रहने पर असंतुष्ट, बहुत उच्च मानकों वाला, चापलूसी के प्रति अतिसंवेदनशील, उन लोगों के लिए क्रूर जो उसका सम्मान नहीं करते हैं, नस्लीय श्रेष्ठता, शारीरिक समस्याओं के प्रति अतिसंवेदनशील|
कार्यक्षेत्र: प्रबंधक, कार्यकारी, अध्यक्ष, प्रशासन, राजसी सत्ता, सरकारी अधिकारी, नौकरशाह, अभिजात, वकील, न्यायाधीश, निर्देशी, राजनीतिज्ञ, पुस्तकालयाध्यक्ष, वक्ता, इतिहासकार, संग्रहालय में कार्य करने वाला, पुरावस्तु व्यापारी, पुरातत्वविद्, आनुवांशिक अभियंता, प्राचीन संस्कृतियों पर शोध करने वाला, अदाकार, वक्ता, जादूगर
मघा नक्षत्र में जन्में प्रसिद्ध लोग: विंस्टन चर्चिल, वॉल्ट व्हिटमैन, जोड़ी फोस्टर, जोसेफ स्टालिन, महर्षि महेश योगी, परमहंस योगानंद
अनुकूल गतिविधियां: समारोह, विवाह, सार्वजनिक प्रदर्शन, राज्याभिषेक, परेड, पुरस्कार समारोह, ऐतिहासिक अध्ययन और अनुसंधान, उपकरण को उन्नत बनाना, पदोन्नति, उपहार दान, धार्मिक गतिविधियाँ, पूर्वजों की पूजा, विवादों का निपटारा, सत्ताधारी लोगों से अनुरोध करना, वंशावली पर शोध करना और प्राचीन ज्ञान की खोज।
प्रतिकूल गतिविधियां: सांसारिक कार्य, अभिनव प्रौद्योगिकी, भविष्य की तैयारी, या धन उधार देना।
पवित्र मंदिर: थाव्सिमदै श्री महालिंग स्वामी
मघा नक्षत्र से संबंधित यह पवित्र थाव्सिमदै श्री महालिंग स्वामी मंदिर भारत में तमिलनाडु के डिंडीगुल के निकट थाव्सिमदै में स्थित है। मघा नक्षत्र में पैदा हुए लोगों को अपने जीवनकाल में एक बार इस पवित्र मंदिर के दर्शन करके यहाँ पूजा-अर्चना अवश्य करनी चाहिए|
प्राचीन काल में भगवान शिव के इस विशाल मंदिर को थापस विरादम के नाम से जाना जाता था। यह वर्तमान में खराब स्थिति में है केवल एक या दो छोटी जगहों पर देवताओं की प्रतिमा स्थित है| इस मंदिर को कलियुग के दौरान उपेक्षित किया गया है जहाँ देवताओं को थोड़ा-सा या कोई भोग अर्पित नहीं किया गया है। यह वास्तव में भक्तों की जिम्मेदारी है कि वे इस मंदिर का पुनः निर्माण करवाकर इस पवित्र तीर्थ को एक बार उसका प्राचीन गौरव प्रदान करें। आज भी थाव्सिमदै में तपस्या द्वारा उत्पन्न हुई उर्जा प्रचुर मात्रा में उपलब्ध है|
मघा नक्षत्र में पैदा हुए लोग शानदार नेतृत्व ऊर्जा रखते हैं| उन्हें दान, परोपकार में भाग लेना चाहिए तथा एक आध्यात्मिक शिक्षक के मार्गदर्शन में तपस्या करनी चाहिए क्योंकि उनके पास प्रत्येक क्षेत्र में विशिष्टता पाने के लिए आध्यात्मिक ऊर्जा होती है। वे सरकार, प्रशासन व सांसारिक मामलों को सफलतापूर्वक चलाने में सक्षम होते हैं। मघा नक्षत्र केतु द्वारा शासित है इसलिए इस नक्षत्र में जन्में लोगों को केतु ग्रह से संबंधित अनुकूल दिवसों पर यहाँ पूजा-अर्चना करनी चाहिए जिससे उन्हें लाभकारी प्रभाव मिलेंगे| इस मंदिर में भगवान शिव के निमित अभिषेक व पूजा-अर्चना करनी चाहिए| यहाँ महान ऋषियों को प्रिय पक्के हुए चावलों का भोग देवताओं को अर्पित करके ग़रीबों में बांटा जा सकता है|
थाव्सिमदै श्री महालिंग स्वामी मंदिर में दो देवियाँ मौजूद हैं। ये देवियाँ मुख्य मंदिर के किनारे स्थित हैं क्योंकि यहाँ देवियों की पूजा करने की प्रथा है। प्राचीनकाल में यहाँ हजारों ऋषि व संत तपस्या हेतु गहन ध्यान अवस्था में थे| स्त्रियों ने ऋषि व संतों की तपस्या भंग करने से बचने के लिए यहाँ दूर से पूजा-अर्चना करने की परंपरा विकसित की थी|
महाथथावाम तब प्रारंभ होता है जब भगवान की सेवा आध्यात्मिक शिक्षक द्वारा सौंपी जाती है तथा यह तब तक जारी रहता है जब तक शिक्षक इसे रोकने का आदेश नहीं देते। थाव्सिमदै मंदिर महाथथावाम की अलौकिक शक्तियों से भरा पड़ा है। महान ऋषि भारद्वाज ने यहां ध्यान किया था| मघा नक्षत्र में उत्पन्न लोगों को इस मंदिर के दर्शन करने से लाभ होगा तथा वे इस आध्यात्मिक तपस्या स्थल की उर्जा से भर जाएंगे।
मघा नक्षत्र में जन्में लोगों के लिए वेदों द्वारा निर्धारित धूप बरगद नामक जड़ी-बूटी से निर्मित है|
इस धूप को जलाना उस विशिष्ट नक्षत्र हेतु एक लघु यज्ञ अनुष्ठान करने के समान है| एक विशिष्ट जन्मनक्षत्र के निमित किए गए इस लघु अनुष्ठान द्वारा आप अपने ग्रहों की आन्तरिक उर्जा से जुड़कर सकारात्मक परिणाम प्राप्त करने में सक्षम होंगे|
एक विशिष्ट नक्षत्र दिवस पर अन्य नक्षत्र धूपों को जलाने से आप उस दिन के नक्षत्र की ऊर्जा से जुड़कर अनुकूल परिणाम प्राप्त करते हैं| आपको यह सलाह दी जाती है कि आप कम से कम अपने व्यक्तिगत नक्षत्र से जुड़ी धूप को प्रतिदिन जलाएं ताकि आपको उस नक्षत्र से जुड़ी सकारात्मक उर्जा प्राप्त होती रहे|
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